पुराने मित्र से एक मुलाकात 
Purane Mitra se Ek Mulakat

पुराने मित्र से मुलाकात होना एक बहुत अच्छा अनुभव होता है। यह हमें पुरानी खट्टीमीठी यादों में ले जाता है। पिछले हफ्ते में सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा कर रहा था। मैं नई-दिल्ली की ओर जा रहा था। जब ट्रेन अम्बाला छावनी स्टेशन पर रूकी तो एक अच्छे कपड़े पहने जवाब आदमी हमारे कम्पार्टमेंट में चढ़ा। उसने हाथ में एक बैग पकड़ा हुआ था। उसकी सीट मेरे साथ बुक थी। जब मैंने ध्यान से उसकी ओर देखा तो मुझे पता चला वह मेरे स्कूल में हमारी कक्षा में पढ़ने वाला वरिन्द्र शुक्ला है। मैंने उससे उसका नाम पूछा। उसने कहा कि हाँ वह वरिन्द्र ही है। उसने भी मुझे पहचान लिया था। हम एक दूसरे से गले मिले। हम 15 वर्षों के पश्चात् मिले थे। वह एक मल्टीनेशनल कम्पनी में एग्जीक्यूटिव था। वह दिल्ली में रहता था तथा काम के सिलसिले में अम्बाला आया था। उसने बताया कि उसके माता-पिता भी उसके साथ रहते हैं। मैंने भी उसे अपने बारे में बताया। हम एक-दूसरे से मिल कर बहुत खुश हुए। हमने अपने स्कूल की यादें ताजा की तथा पुराने दिनों को याद किया।

हम बातों में इतने व्यस्त हो गए कि हमें पता ही नहीं चला कि कब हम दिल्ली पहुँच गए। हमने एक दूसरे से पता लिया तथा आमंत्रित किया। हम अच्छे मूड से अपने-अपने रास्ते चले गए।