बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय
Bina Vichare jo kare, So Pache Pachtaye
कई लोग किसी भी काम को शीघ्रतापूर्वक कर डालते हैं। लेकिन, अनेक मौकों पर यह शीध कर्म एक लम्बे पश्चात्ताप को भी उत्पन्न कर देता है। प्रत्येक कार्य के भले-बुरे पहलुओं पर भलीभाँति विचार करके ही उसपर अमल करना चाहिए। बिना सोच-विचार किये भले-बुरे कामों में शीघ्रतापूर्वक संलग्न होनेवाले व्यक्ति के जीवन में प्रायः विपत्तियाँ डेरा डाल देती हैं। इसीलिए महाकवि भारवि ने कहा है कि बिना विचार किये किसी कार्य का आरम्भ नहीं करना चाहिए। अविचार विपत्तियों की जड़ है, क्योंकि गुण और दोष का विचार कोई विचारशील व्यक्ति ही कर पाता है।
बहुत पुरानी कहावत है कि जल्दी का काम शैतान का होता है। कोई कार्य सम्पादित करने के पूर्व उसके पक्ष-विपक्ष, गुण-अवगुण, साधक-बाधक तत्त्वों की समुचित मीमांसा कर लेनी चाहिए, ताकि बाद में पछताना न पड़े। अच्छी तरह सोच-विचारकर प्रारम्भ किया गया कार्य कभी अधूरा नहीं रह सकता और उसके दूरगामी फल लाभदायक होते हैं।
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