बुरा कारीगर औजार से लडता है 
Bura Karigar Aujar se Ladta Hai


कार्य करने की चतुराई और क्षमता ही किसी को उपलब्धियाँ प्राप्त करा सकती हैं। अगर किसी में कार्य करने का चातुर्य है तो वह किसी भी कार्य को सुचारू रूप से कर सकता है । कभी कभी कुछ लोग काम ठीक तरह से नहीं कर पाते, क्योंकि उनमें उस काम के करने की उचित क्षमता या दक्षता नहीं होती । वे कार्यकुशल न होने के कारण या लापरवाही से काम को बरबाद कर देते हैं । ऐसे समय पर वे अपने औजार को ही दोषी ठहराते हैं । उदाहरण के लिए मान लीजिये कि कोई किसी खराब मशीन को अपने औजार से दुरुस्त करता है । उस काम में वह सफल नहीं हो रहा है, खराब मशीन को ठीक नहीं कर पा रहा है । बहुत कोशिश करने पर भी वह ठीक नहीं कर पा रहा है। पूछने पर वह सारा इलजाम औजार पर लगायेगा, और अपनी नाकामयाब के लिए औजार को दोषी ठरायेगा, न कि अपनी असमर्थता को । वह चिल्लायेगा कि उसे उचित औजार नहीं दिये गये । इसलिए वह यह काम नहीं कर सका । ऐसे ही कोई विद्यार्थी अपनी परीक्षा में नाकामयाब होने का कारण अपनी कमी नहीं मानेगा, बल्कि पाठ्य-क्रम या परीक्षा प्रणाली को दोषी ठहरायेगा।