खाली दिमाग शैतान का घर है 
Khali Dimag Shaitan Ka Ghar Hai


आजकल संसार में सब जगह अशांति ही अशांति है। खासकर छात्रों में अशांति और खलबली फैल चुकी हैं। समाजविरोधी शक्ति सब जगह अपनी धाक जमा चुकी है। विद्यार्थियों में अशांतिका यही कारण है । इस हालत के लिए और कुछ कारण भी हो सकते हैं । दिमाग ही मनुष्य के कार्यकलापों का केन्द्र है। जैसे कोई मशीन तेल लगाकर रखा जाये तो वह मशीन बहुत अच्छा चल सकता है। अगर मशीन काम में नहीं लगाया जाय तो उसपर जंग चढ जायेगा । वैसे ही काम में लगे रहने पर दिमाग सक्रिय रहता है। जो व्यक्ति अपना समय, दिल और दिमाग को किसी फायदे के घंधे पर लगाता है तो वह अपने काम पर विजय प्राप्त कर सकता है। उसे और किसी बात के लिए समय ही नहीं मिलता। बल्कि जिनके लिए करने को कुछ नहीं, उनका दिमाग खाली रहता है । वे लोग बेकार की बातें सोचा करते हैं और बहुतसारी 'शैतानी उनके दिमाग में बैठ जाती हैं । वे आठों पहर दूसरों की बुराई ही सोचा करते हैं। उनके व्यवहार में परिवर्तन ही आते रहते हैं। वे हमेशा गैरकानूनी और समाज विरोधी काम करने के लिए बेचैन होते रहते हैं। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि उसका दिमाग शैतान के पूरे दवाव में आ गया है और हमेशा अपनी भलाई के लिए और दूसरों की बरबादी के लिए ही सब कुछ करता रहता है । इसी से यह ठीक ही कहा गया है - खाली दिमाग भूत की कोठी है।