क्षमा करना श्रेष्टतम बदला है 
Kshama Karna Shreshtam Badla Hai


बाइबल के 'ओल्ड टेस्टमेन्ट दांतके लिए दांत और आँख के लिए आँख की नीति पर जोर देती है। न्यूटेस्टमेन्ट' में महात्मा ईसा ने सिखाया है-'अपने पडोसी से अपने ही जैसे प्रेम का बरताव करो अगर दायें गाल पर थप्पड़ मारे तो बायें गाल दिखाओ। इससे पता चलता है कि महान लोग अपमानित होने पर या नुकसान उठाने पर कैसे अपने विरोधियों से महानता का बरताव करते हैं । मनुष्य स्वभाव से अपने ऊपर किये अन्याय का बदला लेना चाहता है। बदला लेने की प्रवृत्ति ईर्ष्या और बैर को बढावा देती है । जिसको अन्याय हुआ है, वह अन्याय करनेवाले पर बदला लेने की ताक में रहता है । जब वह अन्याय करनेवाले पर प्रतिशोध लेता है तो भी उसको इच्छित संतोष व शांति नहीं मिलती, बदले में जल्दी में किये अपने कर्म पर पछताएया । कानूनन उसकी सजा किसी भी तरह हो जायेगी। अगर वह अपने पर किये अन्याय को भूल जाये, अपने विरोधी से मिलते समय गुस्सा न दिखाते और उसके अपराध को क्षमा करे और उससे प्रेम का बरताव करे तो उसको मालूम होगा कि लोग उसके बडपन की तरीफ करने लगे हैं।और स्वयं अनुभव करने लगेगा कि उसने एक ऐसा कार्य किया है जिसकी उसने कभी आशा नहीं की थी। उसके मन में एक महान भावना का अनुभव होगा। उसका क्षमा प्रदर्शन उसे एक महान बना देगा। यूसुफ अपने कातिल बेटे को क्षमा करने की कहानी इस तत्य की पुष्टि करती है।