कुछ लोगों का विचार है कि हमेशा वे ही सही हैं
Kuch Logo ka Vichar he ki Hamesha ve hi Sahi Hai


मनुष्य में ममता, अहंकार और बड़प्पन की भावना सहज रूप से पाया जाता है । कभी कभी हर काम में किसी में आत्म गौरव का सवाल उठता है । गलती करना मनुष्य का स्वभाव है, लेकिन गलती को गलती मानना महानता है । वैसे ही अपनी कमजोरियों और असफलता को मान लेना भी । बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जो अपनी गलतियों को मानते हैं और गलतियों के लिए अफसोस प्रकट करते हैं। ऐसे ही कुछ लोग हैं जो मानते हैं कि जो कुछ वे करते हैं, ठीक ही करते हैं, गलत है तो दूसरों की गलती मानते हैं और उसके लिए दूसरों का खण्डन करते हैं । दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि बहुत से लोगों में विनम्रता और सीधापन की भावना नहीं होती। कछ लोग अपने ज्ञान पर गर्व करते हैं, कुछ लोग अपने पैसे पर और कछ लोग अपने पद पर और अपनी हैसियत पर | ये सब बातें इन लोगों को यह मानने पर बाद्य करती हैं कि वे ही ठीक हैं । जब वे एकाएक उनकी असावधानी में पकडे जाते हैं और उनकी गलती का पर्दाफाश हो जाता है तब वे मानते हैं कि वे गलत हैं और वे भी गलत हो सकते हैं।