राष्ट्रीय एकता 
Rashtriya Ekta


संकेत बिंदु -विभिन्नताएँ : अनेकता में एकता -सांस्कृतिक, राष्ट्रीय एकता -क्षेत्रीयता, साम्प्रदायिकता बाधक -हमारा कर्तव्य

हमारा देश बहुत विशाल है। यहाँ अनेक प्रकर की विभिन्नताएँ हैं। यहाँ खान-पान, वेशभूषा, धर्म तथा रहन-सहन में विभिन्नताएँ दिखाई देती हैं। ऊपर से जो ये अनेकताएँ दिखाई देती हैं, उनके मूल में एकता की भावना निहित है। भारत एक महान संस्कृति है। भारत में सांस्कृतिक दृष्टि से एकता की भावना विद्यमान है। देश में राष्ट्रीय एकता की सर्वाधिक आवश्यकता है। इस एकता में अनेक बाधक तत्त्व हैं, जैसे-क्षेत्रीयता एवं साम्प्रदायिकता की भावना। क्षेत्रीयता की भावना केवल अपने क्षेत्र के विकास तक सीमित रहती है जबकि साम्प्रदायिकता की भावना सम्प्रदाय विशेष तक ही सोचती है। इससे आपस में टकराव बढ़ता है तथा राष्ट्र की एकता को क्षति पहुंचती है। हम सब भारतवासियों का यह पुनीत कर्तव्य हो जाता है कि हम राष्ट्र की एकता को मजबूत बनाएँ। कोई भी ऐसा काम न करें जिससे देश की एकता पर चोट पहुंचती हो।