विद्यार्थी और जेब खर्च 
Student and Pocket Money


बच्चों को अपने माँ बाप से खर्च करने के लिए दिये जानेवाले पैसे ही जेब खर्च के पैसे कहे जाते हैं। जेब खर्च के पैसे बच्चों को एक तरह का आत्मविश्वास प्रदान करता है और बच्चों को अपनेपन का संतोष भी होता है। भले ही ये बच्चे पैसे खर्च करने की विधि नहीं जानते हों उनके हाथ में थोडे पैसे ही सही, पैसे होने का आनन्द आता है। लेकिन विद्यार्थियों की बात अला है । कर्तव्य परायण छात्र जेब खर्च के पैसे उन बातों पर खर्च करेंगे जो शिक्षा संबंधी बातों के खर्च के लिए भेजे गये पैसे से खर्च न कर सके । कभी कभी एक छात्र को फिलम जाने की या किसी होटल में मित्रों के साथ जाने की आवश्यकता पडेगी । ऐसी हालत में जेब खर्च के पैसे काम आ सकते हैं । स्कूल या कालिज से भ्रमण के लिए जाते समय माँ बाप से पैसे मांग कर उन्हे तंग करने की जरूरत नहीं । जेब खर्च के बचत के पैसे से भ्रमण के लिए पैसे भर सकते हैं। कभी कभी कुछ छात्र छात्राएँ उस पैसे का अनुचित उपयोग भी कर सकते हैं । लेकिन समझदार छात्र उनसे भिन्न प्रकार के होते हैं। वह तो बद्धिमानी से खर्च करने की बात समझते है, वह बुद्धिमानी उसमें जीवन भर रहेगी जिससे उसका भविष्य जीवन सुखमय रहेगा।

देश भक्ति 'यहाँ एक मरे हुए आत्मायुक्त व्यक्ति, जिसने कभी नहीं कहा था कि यह मेरी अपनी है, यह अपनी मातृभूमि है, साँस ले रहा है" - सर वाल्टर स्काट के ये शब्द देशभक्ति के माने के सार को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं। जो अपने देश से प्यार नहीं करता उसकी तुलना उस लाश से की जाती है जिस में कोई चेतना नहीं है । जो अपने देश से प्यार नहीं करता उसकी तुलना उस आदमी से की जाती है जो अपनी माता को नही चाहता है, उसकी कद्र नहीं कहता है । हर एक नागरिक में देश भक्ति की भावना हो और हर एक को देश के लिए कुछ प्रशस्त कार्य करना चाहिये जिससे देश का सम्मान बढ़े। इस तरह की देश भक्ति का होना आवश्यक है, अंतर्राष्ट्रीय भक्ति में मलिमें रोडा अटकानेवाला संकुचित देश भक्ति नहीं होनी चाहिये।