विद्यार्थी और समाज सेवा 
Vidyarthi aur Samaj Seva


आज के छात्र कल के नागरिक हैं । आज की युवा पीड़ी को भविष्य के नेतृत्व का भार लेने के लिए तैयार होना चाहिये । यह तभी हो सकता है जब कोई आजकल की समस्याओं की तीव्रता को समझने की कोशिश करे। ऐसी समस्याओं में एक ज्वलन्त समस्या है. समाज में दलितों की समस्या । हमारे देश में हजारों लोग शरीर से और दिमाग से विकलांगी हैं । हजारों के साथ मानवतापूर्ण व्यवहार की आवश्यकता है। बहुत से गांव अब भी पिछडे हुए हैं और उन्हें सुधारने की जरूरत है । निरक्षरता सब जगह है, बेकारी और बेरोजगारी के बारे में पूछना ही क्या । इनका गहरा असर समाज पर जरूर पड़ता है । इसलिए छात्र छात्राएँ अपना अमूल्य समय, शक्ति और कुशलता बेकार करने के बजाय समाज सेवा में लगा सकते हैं । वे अपनी शक्ति के अनुसार गरीबी हठाने की, निरक्षरता भगाने की कोशिश कर सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान का प्रसार कर सकते हैं। ऐसी समाज-सेवा से समाज का कल्याण भी होगा और समाज सेवी की भी भलाई होगी।