जीवन यात्रा 
Jeevan Yatra



संघर्समय जीवन यात्रा छ, 

पग-पग पर इख मोड़ भौत छन । 


ऐथर जाण कुण रस्तों पर—

कन्न जोड़-तोड़ भोत छन ।।


सुख-सुविधा मील ना मील, 

दुःख-दुविधा इख मीलि जाँद । 


सुख-दुःख क भव-सागर त – 

परमात्मा ही पार कराँद।।