जेठक तमतमाँदी धूप
Jethak Tamatmandi Dhup
जेठक तमतमादी धूप।
अर जवानिक भूख ,
तूफान इन आई—
कि नंग बन डाल ।
उतरि ग्याई खाल।
हिम्मत फिर भि खूब ।
मस्त-मस्त, झुमद-झामद—
बाँस गेन पास ।
प्यार कू अंदाज,
लगदू छ्याई खास ।
प्रिय से मेल हाई।
अजीब आवाज काई,
चरमर-चरमर,चीत्कार-हँकार भी।
गांठ खुली गेन ।
छप-छप, छप-छप,
मूर्छा सी छाई।
आपस मा जुड़ी गेन,
या ख्वे गेन,
अदत कू सी रूप,
जेठक तमतमाँदी धूप
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