प्रिये ! तू कंचनजंघा
Priye Tu Kanchan Jangha
प्रिये ! तू कंचनजंघा
क्यालक खंबा,
एक-एक परत उखाडिक द्याखी,
कुछ नी भितर,
सब नंगमनंगा,
केवल माटू ।
हड्यूक टाटू ।
कुछ नी चंगा।
विसयंक दंगा।
प्रिये ! तू कंचनजंघा।
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प्रिये ! तू कंचनजंघा
क्यालक खंबा,
एक-एक परत उखाडिक द्याखी,
कुछ नी भितर,
सब नंगमनंगा,
केवल माटू ।
हड्यूक टाटू ।
कुछ नी चंगा।
विसयंक दंगा।
प्रिये ! तू कंचनजंघा।
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