एक दुर्घटना निबंध
An Accident
जनवरी का एक सुहावना दिन था। मैं कनॉट प्लेस पर खरीदारी करने गया था। वहाँ पर मैं अपने मित्र रविन्द्र मोहन से मिला। उसने मेरे सामने प्रस्ताव रखा कि हम अपने मित्र अविनाश से मिलने चलें, जो कि काकानगर में रहता है। वह एक सप्ताह से बीमार था तथा स्कूल नहीं आ रहा था। मैं तैयार हो गया तथा हम दोनों बाराखम्बा मार्ग पर चल दिए, वहाँ से हमें काकानगर के लिए बस लेनी थी। हम इधर-उधर देखते व बातें करते हुए सड़क पर चले जा रहे थे, फिर हमारा वार्तालाप हमारे प्रिय खेल क्रिकेट की तरफ मुड़ गया।
जब हम सिंधिया हाउस पर पहुँचे तो हमने पाया कि यातायात अवरुद्ध' हो गया है तथा सड़क पार करना कठिन है। वाहन सड़क पर कछुआ-चाल से रेंग रहे थे। हमने पैदल पार पथ पर कुछ समय प्रतीक्षा की। जल्द ही वाहन आगे बढ़ने लगे और हमने सड़क पार की। हम स्टेट्समैन इमारत पर पहुँचे और सड़क पार करने ही वाले थे कि वहाँ पर एक भयंकर दुर्घटना घटी। एक बूदा व्यक्ति जिसने कि अखबार का एक भारी गट्ठर उला रखा था हमारी तरफ बाराखम्बा रोड पर आ रहा था। वह बड़ी मुश्किल से कदम उठा रहा था। तभी एक मोटर कार सुपर बाजार की तरफ से तेज गति से आई तथा उसने बूढ़े आदमी को टक्कर मारकर गिरा दिया।
वहाँ थोड़ी-सी भीड़ इकट्ठी हो गई। कुछ वाहन चालक की गलती बता रहे थे तथा कुछ बूढ़े व्यक्ति पर आरोप लगा रहे थे। हमें बहुत दुःख हुआ।
तभी पुलिस शीघ्रता से आई तथा उसने मोटर कार चालक को गिरफ्तार कर लिया तथा उसकी कार को भी अपनी गिरफ़्त में ले लिया। बूढ़ा आदमी खून से भीगा पड़ा था। कार का अगला हिस्सा बूढ़े व्यक्ति के सिर में लगा था। इससे उससे उसके सिर में गहरा घाव हो गया। उसे राममनोहर लोहिया अस्पताल में ले जाया गया परन्तु डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब हम बहुत उदास हो गए थे इसलिए अपने बीमार मित्र से मिलने काकानगर नहीं गए तथा अपने घर वापस लौट आए।
इस दर्दनाक दुर्घटना ने मुझे झिंझोड़ दिया और मैं कुछ दिनों तक असहज रहा।
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