छुट्टियाँ निबंध 
Chuttiyan


छुट्टियों का हमेशा स्वागत किया जाता है। छुट्टियाँ सभी को पसन्द आती हैं, चाहे वह कार्यालय-कर्मचारी हो, व्यापारी हो या दुकानदार हो। परन्तु विद्यार्थियों को छुट्टियाँ अत्यधिक प्रिय होती हैं। छुट्टियाँ कठिन परिश्रम के पश्चात् आवश्यक होती हैं। यह आनन्द मनाने के लिए कुछ खाली समय प्रदान करती हैं। यह नियमित कार्य से थोड़ा अवकाश प्रदान करती हैं और लोगों को ताज़गी प्रदान करती हैं।

'बहुत कार्य करना और कोई खेल नहीं खेलना व्यक्ति को उदासीन बनाता है-एक प्रसिद्ध कहावत' है। यह (कहावत) हमें खाली समय की उपयोगिता बताती है। प्रत्येक कार्य की एक सीमा होती है। इन्सानी मस्तिष्क व उसके शारीरिक अवयव हमेशा लगातार कार्य नहीं कर सकते। उनकी अपनी सीमाएँ होती हैं और उन्हें समय-समय पर अल्पावकाश की आवश्यकता होती है जिससे मनोरंजन व ताज़गी प्राप्त की जा सके। बड़ा व कठिन कार्य स्वास्थ्य को हानि पहुँचाता है। यह कार्य की गुणवत्ता पर भी प्रभाव डालता है। छुट्टियाँ हमें आराम, ताज़गी व ऊर्जा प्रदान करती हैं। एक दिन की छुट्टी के पश्चात् एक व्यक्ति पुनः पूरे सप्ताह के कार्य के लिए तैयार हो जाता है।

विद्यार्थियों को लम्बी छुट्टियाँ मिलती हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश लम्बे होते हैं। फिर शीतकालीन अवकाश भी पड़ता है। ग्रीष्मकालीन अवकाश परीक्षाओं के पश्चात् होते हैं। इसलिए उनका अत्यधिक स्वागत किया जाता है। पिछले साल गर्मियों की छुट्टियों में हमारे पिताजी हमें शिमला ले गए। हमने उस पहाड़ी इलाके में खूब मज़ा किया।

छुट्टियों का अच्छी तरह प्रयोग करना चाहिए। उन्हें व्यर्थ नहीं करना चाहिए। रविवार को या अन्य छुट्टियों पर व्यक्ति पिकनिक, या अपने रिश्तेदार या मित्र के घर जा सकता है। वे छुट्टियों का प्रयोग आराम करके या आनन्द उठाकर भी कर सकते हैं। इसका कोई सरल नियम नहीं है। छुट्टियों में अतिरिक्त अध्ययन भी किया जा सकता है। लम्बी छुट्टियों का प्रयोग कहीं दूर भ्रमण करने व वहाँ से अनुभव प्राप्त करके भी किया जा सकता है। ऐसी शिक्षाप्रद व मनोरंजक यात्रा सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से की जानी चाहिए।

छुट्टियों का ज्यादा लाभ उठाना चाहिए। ये पर्याप्त आराम, ज्ञानवर्धन व मौज़ मनाने का सुनहरा अवसर होती हैं। छुट्टियों को कभी भी अधिक सोने व अधिक टी.वी. देखकर व्यर्थ नहीं करना चाहिए। ये छुट्टियों के सच्चे उद्देश्य को पराजित कर देंगी।