गौतम बुद्ध
Gautam Buddha
आज से ढाई हज़ार वर्ष पूर्व एक राजकुमार' था। उसका नाम सिद्धार्थ था। वह अपने पिता के बड़े आरामदायक और वैभवशाली स्थान पर रहता था। परन्तु वह खुश नहीं था। राजकुमार सिद्धार्थ जीवन के सत्य को जानना चाहता था। इसलिए एक रात उसने महल छोड़ दिया और वह सत्य की तलाश करने वन में चला गया। वह अपने पीछे अपनी सुन्दर पत्नी यशोधरा और पुत्र राहुल छोड़ गया। वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर भाँति-भाँति के विद्वानों एवं बुद्धिमान लोगों से मिलकर आश्चर्यचकित हुए। लेकिन उनमें से कोई भी सत्य को जानने में राजकुमार की मदद नहीं कर सका।
एक शाम जब सिद्धार्थ एक बड़े पीपल के पेड़ के नीचे गहन ध्यान में मग्न बैठे थे, उन्हें अचानक सत्य का ज्ञान हुआ। उस दिन से वे गौतम बुद्ध कहे जाने लगे। बुद्ध का अर्थ है-अत्यधिक बुद्धिमान और जो सत्य को जानता।
बुद्ध ने तब से लोगों को सत्य-उपदेश देने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि कभी भी किसी जीवित प्राणी को नहीं मारना चाहिए। उन्होंने उनको शिक्षा दी कि किसी भी मनुष्य एवं पशु को मारना पाप है। सादा जीवन ही खुशियों के लिए जरूरी है। बहत से लोग जो उनकी शिक्षा ग्रहण करते थे, उनके अनुयायी बन गए। बाद में उनकी शिक्षाएँ बौद्ध धर्म' के नाम से जानी जाने लगीं। तब बौद्ध धर्म का विस्तार दूसरे कई देशों जैसे चीन, जापान, श्रीलंका, तिब्बत और थाइलैण्ड में हआ। आज बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को मानने वाले पूरे विश्व में कई करोड़ लोग हैं।
बुद्ध की मृत्यु अस्सी वर्ष की वृद्धावस्था में हुई। उनकी याद में कई मन्दिरों और स्तूपों का निर्माण हुआ। हम भारतीय उन पर बहुत गर्व करते हैं। वह देश के सबसे महान् पुत्र हैं। हम में से प्रत्येक को उनकी शिक्षाओं का पालन करना चाहिए और सादा जीवन जीना चाहिए। हमें किसी मनुष्य, पशु या जीव को कभी नहीं मारना चाहिए।
0 Comments