कस्बा 
Kasba

एक बड़ी जगह जो शहर से छोटी होती है। यह बड़ी व्यस्त जगह है, इसमें हज़ारों पुरुष, महिलाएँ और बच्चे रहते हैं। भारत गाँवों का देश है फिर भी यहाँ कई सौ कस्बे व शहर हैं। लोग गाँव से शहर की ओर अच्छी नौकरी व जीविका के लिए आ रहे है। 

कस्बों में स्थान अत्यधिक भीड़-भरे है। यहाँ पर बहुत अधिक यातायात, बसें, कारें, स्कूटर, साइकिल, ताँगा, बैलगाड़ी, रिक्शा व अन्य वाहन सड़क पर दौड़ते रहते हैं। यातायात से सड़कें व्यस्त रहती हैं। यहाँ पर बहुत-सी दुर्घटनाएँ भी होती हैं। सड़क-मिलान पर यातायात बत्तियाँ होती हैं जो यातायात को नियमित रूप से चलाती हैं। वे यातायात को सिग्नल द्वारा रोकती, प्रतीक्षा कराती व चलाती भी हैं। जो यातायात के नियमों का पालन नहीं करते उन्हें दण्डित किया जाता है। हमें सड़क पार करते समय सावधानी रखनी पड़ती है। हमें हमेशा पैदल-पथ पर चलना चाहिए।

यहाँ पर कई सारे बाज़ार, क्रय-विक्रय केन्द्र, बड़े बाज़ार आदि होते हैं, जहाँ पर सभी प्रकार का सामान एक-साथ मिलता है। ये जगह खरीदारी करने वालों के लिए स्वर्ग है। इन जगहों पर बहुत हरबड़-हरबड़ मची रहती है। लोग दूर-दूर से खरीददारी व व्यापार के लिए यहाँ आते हैं। परन्तु गरीबों के लिए कोई जगह नहीं है। आपके पास यहाँ खरीददारी करने के लिए अच्छे पैसे होने चाहिए।

शहर के कई लाभ हैं। यहाँ पर कई विद्यालय, महाविद्यालय, प्रशिक्षण केन्द्र व अन्य संस्थान होते है। यहाँ पर लोग आधुनिक सुविधाओं का आनन्द उठाते हैं। यहाँ पर चिकित्सकीय जाँच व उपचार के लिए अच्छे व बड़े अस्पताल होते हैं। यहाँ पर जीवन आरामदायक है। परन्तु यहाँ पर रहना हानिकारक भी है। जीवन में शान्ति नहीं रहती। यहाँ पर बहुत शोर है। हवा प्रदूषित है। बहुत-सी दुर्घटनाएँ होती है और कई दुर्घटनाएँ तो इतनी अधिक भयंकर होती हैं कि जीवन का अन्त कर देती हैं। सड़कें तंग हैं, वस्तुएँ महँगी हैं और लोग स्वार्थी हैं। यहाँ पर मित्रता, सहानुभूति व दयालुता कम है। लोग अत्यधिक व्यस्त व स्वार्थी हैं। यहाँ पर बहुत-सी समस्याएँ है। झुग्गी-झोंपड़ियों की संख्या बढ़ रही है व अपराध बढ़ रहे हैं।

मैंने कई कस्बे देखे हैं। वे आकर्षक, आरामदायक हैं परन्तु वहाँ कोई समस्याएँ नहीं हैं, वे काफी अच्छे हैं। उनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।