मेरा विद्यालय 
Mera Vidyalaya


मेरे विद्यालय का नाम सर्वोदय उच्च माध्यमिक विद्यालय है। यह एक सरकारी स्कूल है तथा अच्छा स्कूल है। मैं कक्षा दस में पढ़ता हूँ। विद्यालय मेरे घर के पास है। मैं विद्यालय पैदल जाता हूँ। वहाँ पहुँचने में मुझे दस मिनट लगते हैं।

यह एक बड़ा स्कूल है। इसमें लगभग पचास कक्षाएँ, ऑफिस और एक बड़ा पुस्तकालय है। पुस्तकालय में सभी प्रकार की पुस्तकें हैं। हम वहाँ जाकर पढ़ते हैं। हम पुस्तकें उधार' भी ला सकते हैं। यहाँ पर पत्रिकाएँ तथा समाचार पत्र भी होते

यह एक सहशिक्षा विद्यालय है। लेकिन इसमें छात्रों की संख्या छात्राओं से अधिक है। विद्यालय से जुड़ा हुआ एक बडा-सा खेल का मैदान है। हम यहाँ पर खेल खेलते हैं। फुटबाल मेरा प्रिय खेल है।

हमारे स्कूल के प्रधानाचार्य विद्वान् व्यक्ति हैं। वह बुद्धिमान, चुस्त और प्रसिद्ध हैं। वह छात्रों को अपने पुत्रों और पुत्रियों के समान प्यार करते हैं। लेकिन अनुशासन के विषय में वह बहुत सख्त हैं। यहाँ पर लगभग 45 शिक्षक हैं। इसके अलावा दफ्तर के कर्मचारी तथा चपरासी इत्यादि हैं। शिक्षक उच्चशिक्षित तथा अनुभवी हैं। यह पढ़ाने में बहुत रुचि लेते हैं तथा विद्यालय की सांस्कृतिक गतिविधियों में भी रुचि रखते हैं। हमारी कक्षा अध्यापिका कुमारी नीलिमा पुरोहित हैं। वह हमें हिन्दी पढ़ाती हैं। वह एक बुद्धिमान महिला हैं। वह अक्सर हमारी शिक्षा-संबधी तथा व्यक्तिगत परेशानियाँ सुलझाने में मदद करती हैं। । मैं अपने स्कूल से बहुत प्यार करता हूँ। मैं अपने शिक्षकों का आदर करता हूँ तथा उनकी प्रत्येक आज्ञा का पालन करता हूँ। मेरे विद्यालय की गौरवपूर्ण परम्परा है। यहाँ से अनेक तेजस्वी व्यक्तित्व, अधिकारी तथा व्यवसायी निर्मित हुए हैं।