मेरे स्कूल की कैन्टीन 
Mere School Ki Canteen


मेरे स्कूल में एक बड़ी व सुन्दर कैन्टीन है। यहाँ पर मिठाईयाँ, नाश्ता, शीतल-पेय, चाय व कॉफी आदि मिलती है। इस आधुनिक कैन्टीन को एक ठीकेदार' चलाता है। मध्यावकाश के समय यह एक व्यस्त स्थान बन जाता है। सारे विद्यार्थी मध्यावकाश के समय कैन्टीन से खाने की वस्तुएँ खरीदते हैं। कैन्टीन में बड़ी मेजें व कुर्सियाँ हैं। परन्तु व्यस्त घंटों में खाद्य सामग्री प्राप्त करना मुश्किल है और हमें खड़ा रहना पड़ता है।

अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों के लिए अलग से आरामदायक कुर्सियाँ व मेजें हैं, वे उन्हीं के लिए आरक्षित हैं। विद्यार्थियों को उन पर बैठने की अनुमति नहीं है। अध्यापक किसी भी समय आकर चाय, कॉफी, शीतल-पेय व नाश्ता मँगा सकते हैं। वे अपने शिक्षक-कक्ष में भी नाश्ता मँगवा सकते हैं।

खाना यहाँ पर पूरी स्वच्छता से बनाया जाता है। हमारे प्रधानाचार्य इसके लिए बहुत सख्त हैं। कैन्टीन को सफाई से चलाने और अच्छी सामग्री के प्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए ज्येष्ठ अध्यापकों का एक संगठन निर्मित है। कभी-कभी प्रधानाचार्य स्वयं आकर कैन्टीन का निरीक्षण करते हैं। विद्यालय संगठन के अध्यक्ष भी इसका ध्यान रखते हैं। विद्यार्थी अवकाश के उपरान्त भी कैन्टीन आते हैं और खाने का आनन्द लेते हैं। वे यहाँ पर बैठकर अपने मनपसन्द विषयों पर वार्तालाप करते हैं व खाना खाते हैं। सभी वस्तुओं का मूल्य निश्चित है व ठीकेदार उससे अधिक मूल्य नहीं ले सकता। यहाँ पर एक शिकायत-बक्सा है जिसमें आप अपने सुझाव व शिकायत लिखकर डाल सकते हैं। और उस पर शीघ्र ही कार्रवाई की जाती है। यहाँ पर विद्यार्थी स्वयं-सेवा करते हैं परन्तु अध्यापकों के लिए बैरे हैं। पहले विद्यार्थी रुपये देकर कूपन खरीदते हैं. फिर खाने व पीने का सामान मिलता है। विद्यालय कैन्टीन एक सुविधाजनक मिलन-स्थल है। दूसरे वर्ग व अन्य कक्षाओं के मित्र यहाँ मिलकर वार्तालाप व भोजन का आनन्द लेते हैं। ये बहुत से विद्यार्थियों का मनपसन्द स्थान है।