मेरी माताजी
Meri Mataji
मेरी माताजी बहुत अच्छी हैं। हर कोई परिवार में उनकी प्रशसा' करता है। मेरे विचार से वे इसकी हकदार हैं। परन्तु वे कभी घमंड नहीं करतीं। उनके अन्दर कई गुण हैं। वे सुशिक्षित व बुद्धिमान हैं। वे मेहनती, दयालु, देखभाल व प्यार करने वाली हैं। हमारे प्रति उनके प्यार की कोई सीमा नहीं हैं।
वह एक गृहिणी हैं और हमेशा व्यस्त रहती हैं। वो हम सबसे पहले उठती हैं व हम सब के बाद सोती हैं। वह हमारे लिए खाना बनाती हैं, हमारे कपड़े धोती हैं व हमारी सभी आवश्यकताओं
और आराम का ध्यान रखती हैं। वह इतना काम करती हैं फिर भी कभी थकी हुई व नीरस नहीं लगतीं। उन्हें हमारी सेवा करना अच्छा लगता है। कभी-कभी मुझे उनके लिए दुःख होता है व मैं अपने तरीके से उनकी सहायता करता हूँ।
उनका प्यार व देखभाल मेरे लिए प्रेरणा का काम करती है। वो मुझे मेरे अच्छे स्वास्थ्य व प्रसन्न मस्तिष्क के लिए सहायता करती हैं। इसलिए मैं पढाई में इतना अच्छा है। अगर मैं बीमार हो जाता है तो वह मेरे ठीक होने का हर संभव प्रयास करती हैं। वो पिताजी के लिए बहुत सारे व्यंजन बनाती हैं। वह मेरे व मेरी बहन के स्वाद के अनुसार व्यंजन बनाती हैं। हम उनकी सेवा व त्याग नहीं भूल सकते। वह वाकई में महान, प्यारी व दयालु हैं। कोई भी इतना अच्छा नहीं हो सकता जितना कि माँ-सही कहा गया है कि भगवान सब जगह नहीं हो सकते इसलिए उसने माँ को बनाया है। छोटे बच्चों के लिए माँ भगवान की तरह होती है।
कोई भी माँ की दयालुता का कर्ज नहीं चुका सकता। वह पहली गुरु व शिक्षिका होती हैं। इन्सान के हर अच्छे कार्य के पीछे माँ का हाथ होता है। सत्य है बुद्ध, गांधी, लिंकन, शिवाजी व प्रताप नहीं होते अगर उनकी महान, दयालु व अच्छे संस्कार देने वाली माँ न होती।
अगर मेरी माँ बीमार पड़ जाती है तो पूरा घर अस्त-व्यस्त हो जाता है। हम सभी बीमारों की तरह हो जाते हैं। हमारे सबके लिए मुश्किल हो जाती है। मेरी माँ वाकई में सर्वगुण सम्पन्न हैं। हम उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते है।
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