मेरा शहर बंगलौर
My City Bangalore
मैं बंगलौर में रहता हूँ, यह कर्नाटक की राजधानी है। मुझे अपने शहर पर गर्व है। यह बड़ा आधुनिक व विभिन्न लोगों का शहर है। यह अपनी खूबसूरत इमारतों, पार्क, बागों, झीलों, पेड़ों की कतारों व ताज़ी हवा के लिए प्रसिद्ध है।
बंगलौर का इतिहास सदियों पुराना है। वास्तव में यह एक गाँव था, जिसका नाम 'केमपेगोड़ा' था। विजय नगर के राजा ने एक मुखिया को केमपेगोड़ा दान में दिया। उन्होंने सन् 1537 में एक छोटे से कस्बे का निर्माण किया। यह क्रमवार अनेक साम्राज्य के आधिपत्य में विकसित हुआ। अन्त में टीपू सुलतान और वोडियार जैसे राजाओं के सुयोग्य नेतृत्व में यह कस्बा विकसित और समृद्ध होकर बड़े शहर में बदल गया।
कर्नाटक राज्य सन् 1956 में बना, तभी से बंगलौर इसकी राजधानी है। यह खूबसूरत शहर पर्यटन का विशेष केन्द्र है। यहाँ भारत के कोने-कोने व विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। बंगलौर का साहित्यिक अर्थ है-सेम का शहर।
बंगलौर में कई सारे रुचिकर व आकर्षक स्थान हैं। ये हैं-विधान सुद्ध, कुबाऊ पार्क, लाल बाग, टीपू सुल्तान का महल तथा किला और बुल मन्दिर, औद्योगिक संग्रहालय। विशेषकर औद्योगिक और प्राविधिक' संग्रहालय पूरी तरह से विज्ञान व तकनीक से प्रेरित है। यहाँ विज्ञान व तकनीकी विभिन्नताओं को बहुत ही रोचक तरीके से प्रदर्शित किया गया है। कस्तूरबा गाँधी मार्ग पर कब्बन पार्क के पास सरकारी संग्रहालय है जो कि देश का सबसे पुराना संग्रहालय है। यह सन् 1864 में बनाया गया था। इसमें प्राचीन समय के विशेष प्रकार के आभूषण, वस्त्र व स्मृति-चिह्न संगृहित हैं।
विधान-सभा एक प्रसिद्ध ग्रेनाइट इमारत है। सप्ताह के अन्त में इस इमारत पर रोशनी की जाती है जो इसका विशेष आकर्षण है। दो प्रसिद्ध बाग हैं-कब्बन पार्क व लाल बाग। लाल बाग भारत के सर्वश्रेष्ठ पार्कों में से एक है। इसमें एक हजार से भी अधिक प्रकार के फूल व वृक्ष हैं।
टीपू सुल्तान का महल, जिसका कि अधिकांश भाग लकड़ी से बना है, पर्यटकों के आर्कषण का मुख्य केन्द्र है। एक समय में ये टीपू सुल्तान का ग्रीष्मकालीन महल था। यह ऐतिहासिक किला अठारहवीं शताब्दी के सैन्य ढाँचे का अनूठा उदाहरण है। छोटी पहाड़ी पर बुल मन्दिर है। इसमें भगवान् शिव की सवारी नन्दी बैल की बहुत बड़ी मूर्ति है। अलसोर झील नौका विहार व तैराकी के लिए एक बहुत ही रमणीय स्थान है।
बंगलौर के पास बेनारघाट का नैशनल पार्क विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों, मगरमच्छ पार्क व साँप पार्क के लिए प्रसिद्ध
बंगलौर का बड़ा बाजार खरीदारों के लिए एक स्वर्ग की तरह है। यहाँ पर बड़ा बाज़ार, क्रय-विक्रय-केन्द्र, बड़े-बड़े स्तम्भों का बरामदा भी है। बंगलौर को बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। वर्तमान में कंप्युटर इलेक्ट्रॉनिक्स की महिमा से ये नगर सिलिकॉन वैली कहलाने लगा है।
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