पानी की उपयोगिता
Pani Ki Upyogita
जहाँ पानी होता है, वहीं जीवन होता है। पानी के बिना जीवन सम्भव नहीं है। हमारी पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिसपर जीवन सम्भव है, क्योंकि इस ग्रह पर पानी व जीवन को सम्भव बनाने वाला वातावरण है। अन्य ग्रह जैसे कि मंगल, बुध व बृहस्पति पर जीवन सम्भव नहीं है। वे किसी बंजर रेगिस्तान के समान हैं क्योंकि वहाँ बिलकुल भी पानी नहीं होता। पानी जीवन के लिए जरूरी है और वातावरण को स्वच्छ बनाता है।
बहुत से लोग बाढ़ों व भारी वर्षा में डूबकर मर जाते हैं। परन्तु जीवन में पानी का विशेष महत्त्व है। पानी एक ऐसा जीवनदायी तरल है जिसके स्पर्श से बीमार से बीमार व्यक्ति भी ठीक हो जाता व उसे नया जीवन मिलता है। बिना पानी के जीवन की कल्पना करना भी बहुत मुश्किल है। यह प्रकृति द्वारा मनुष्य को एक आवश्यक उपहार है। पीने, नहाने-धोने, सफाई करने व बर्फ जमाने में हमें पानी की आवश्यकता पड़ती है। पानी का इस्तेमाल आग बुझाने व मनोरजन के क्रिया-कलापों में भी होता है। तैरने, नाव चलाने व पानी के खेलों में भी पानी का इस्तेमाल किया जाता है। अगर पानी न होता तो मछलियाँ भी न होतीं। हमें फसलों, बगीचों व जानवरों सभी के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमें बिजली व अन्य उत्पाद बनाने में पानी की आवश्यकता होती है। पृथ्वी के क्षेत्रफल का अधिकांश भाग द्वीपों व नदियों से घिरा हुआ है। समुद्र, झरने, तालाब, कुएँ आदि सभी पानी से सम्पन्न है। पर्यावरण में यह बर्फ व भाप के रूप में मौजूद है।
पानी की एक-एक बूंद कीमती है। इसको बरबाद नहीं करना चाहिए। प्रकृति के पास पानी बहुत ही महत्त्वपूर्ण साधन है। जल-चक की मदद से वर्षा आती है और वही वर्षा का जल दुबारा से समद्रों व द्वीपों में जाकर मिल जाता है। इस प्रकार पानी कभी बरबाद नहीं होता। पर सवाल ये उठता है की पीने के योग्य कौन-सा पानी है। हम पीने के लिए न तो समुद्र का पानी और न ही गंदा पानी उपयोग में ला सकते हैं। हमें तो साफ़, शुद्ध और स्वच्छ पानी चाहिए होता है, जिसकी मात्रा बहुत ही अल्प है। इस प्रकार पानी का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए। पानी का प्रयोग आर्थिक रूप से करते हुए पानी को कभी बरबाद व दूषित नहीं करना चाहिए। जल-प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है। जल-प्रदूषण की रोकथाम के लिए संसार के सहयोग की विशेष आवश्यकता है। पानी प्रकृति द्वारा प्रदत्त एक उपहार व आशीर्वाद है। इसको सावधानी से बरतना चाहिए। हमें किसी भी कीमत पर पानी को सुरिक्षत व स्वच्छ बनाना चाहिए। जीवन का दूसरा नाम जल है।
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