समय की उपयोगिता 
Samay Ki Upyogita


वास्तव में समय एक बहुत ही अद्भुत चीज़ है। इसे सन्तोषपूर्ण ढंग से स्पष्ट किया जा सकता है। समय का न तो कोई आदि' है और न ही कोई अन्त है। सभी चीजें अपने निश्चित समय पर जन्म लेती, बड़ी होती और फिर समय पर नष्ट हो दी है। समय सदैव अपने ढंग से चलता है। समय कोई बालक नहीं है। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता चाहे वह राजा हो या रानी। समय का विश्लेषण भी नहीं किया जा सकता है। हम व्यतीत समय व उसकी उपयोगिताओं को समझने के लिए सचेत हैं। हमने समय की रफ्तार को देखने के लिए घडियों का भी निर्माण किया। हमने दिन, दिनांक और सालों की अपने हिसाब से मापने की योजना तैयार की लेकिन वास्तव में समय एक अविभाज्य और अमापनीय चीज़ है।

लोगों ने समय को ही धन माना? पर समय धन से भी अधिक कीमती है, खोया हुआ धन तो दुबारा पाया जा सकता है लेकिन खोए हुए क्षण को वापिस नहीं लाया जा सकता। समय परिवर्तनशील है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। समय के परिवर्तन से कुछ भी मुक्त नहीं है। मनुष्य का जीवन क्षण-भंगुर होता है लेकिन कार्य ज़्यादा और बहुत कठिन होते हैं। जीवन में बहुत से कार्य करने के लिए होते हैं। इसीलिए हम अपने जीवन का एक मिनट भी बरबाद नहीं कर सकते हैं। यहाँ तक कि हर साँस, हर सेकेंड का भली-भाँति उपयोग किया जाना चाहिए। हमें विद्यालय-संबंधी कार्य, गृहकार्य, आराम करने का समय, मनोरंजन, व्यायाम इन सभी को सही ढंग से योजनापूर्वक करना चाहिए।

हमें समय बरबाद नहीं करना चाहिए। वास्तव में कोई भी समय को खराब नहीं कर सकता। यह केवल हम ही हैं जो समय द्वारा बेकार कर दिए जाते हैं। समय की व्यवस्था होना बहुत जरूरी है। महान आदमी व स्त्रियाँ समय का हर क्षण बहुत ही लाभदायक एवं व्यवस्थित रूप में प्रयुक्त करते हैं।

हमने महान आविष्कार किए हैं। आश्चर्यजनक चीज़ों की खोज की तथा समय की धारा पर अपने पदचिन्ह छोड़ दिए। वास्तव में खाली समय का भी सदुपयोग किया जा सकता है। खाली समय का उपयोग कुछ प्राप्त करने की चाहत व स्वस्थ अर्थपूर्ण रुचियों में किया जा सकता है। हम किताबें पढ़कर, संगीत सीखकर समय बिता सकते हैं। बच्चों के साथ खेलना, बगीचों में फूल लगाना, अपने खाली समय में कुछ भी करना सीख सकते हैं। समय को न तो रोका जा सकता है, न ही इस पर किसी का जोर चलता है और न ही समय को वापस लाया जा सकता है। समय शाश्वत् एवं सर्वज्ञ है। इस प्रकार हमें समय का मान-सम्मान करना चाहिए। अगर हम समय का सही उपयोग करें तो समय ही सफलता की कुंजी है। इसकी कोई सीमा नहीं है। लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर यह बहत ही सीमित है।