वर्षा के दिन
Varsha Ke Din
वर्षा का हमेशा स्वागत किया जाता है। वह हमें लम्बी धूप व गर्मी के पश्चात् आवश्यक सुख व शान्ति प्रदान करती है। हर कोई आकाश में पानी से भरे हुए बादलों की प्रतीक्षा करता है। एक किसान वर्षा के लिए हमेशा व्यग्र' रहता है। वर्षा पेड़-पौधों, सब्जियों, जानवरों तथा मनुष्यों को जीवन देती है। जीवनदायी वर्षा जीवन का एक नया अध्याय खोलती है।
भारत में वर्षा दक्षिण भारत में जून के महीने में प्रारम्भ होती है व जुलाई तक सब स्थान पर वर्षा शुरू हो जाती है। भारत वर्षा या बरसात वाला देश है। वर्षा ऋतु पर ही हमारी सभी खुशियाँ निर्भर हैं। अगर वर्षा न हो तो हमारा जीवन बहुत ही कष्टपूर्ण हो जाएगा।
जब बारिश होने लगती है तो लोग बहुत ही प्रसन्न होते हैं तथा मैं भी खुश होता हूँ। मोतियों के समान गिरती हुई वर्षा की बूंदें बहुत अच्छी लगती हैं एवं खिड़कियों व छतों पर टिप-टिप की आवाज सुनकर बहुत सुख मिलता है। जब वर्षा की बूंदें पेड़ों के झुंड पर पड़ती है तो एक बहुत आनन्द देने वाली समूहगान के दृश्य के रूप में प्रकट होती हैं। जब आसमान गहरे सलेटी रंग के बादलों से घिरा होता है और ठण्डी-ठण्डी पवन चल रही होती है, तब मोर नाचता है, कोयल गाना गाती है एवं लड़कियाँ झूला झूलती हैं। औरतें समूहों में गाना गाती हैं और सभी बारिश का आनन्द लेती हैं। बारिश के दिनों में धरती पर सबसे ज्यादा प्रसन्न किसान होता है। उसके हाथों में हल होता है तथा उसके पैर गतिमान होते हैं। तब उसके होठों पर गीत व आत्मा में शान्ति होती है। भारत गाँवों और किसानों का देश है। अगर किसान खुश है तभी पूरा देश खुश रहता है। जब सूरज बादलों के पीछे छिप जाता है और लगातार वर्षा होती रहती है तब मन को बहुत ठंडक एवं शांति पहुँचती है और यह सब बहुत ही सुखदायी होता है। तब हर जगह पानी के छोटे-छोटे तालाब दिखाई देते हैं। पानी के अन्दर आसपास के पेड़, सड़कों के प्रतिबिम्ब दिखाई पड़ते हैं। इमारतों से मनुष्य समूह में बाहर आकर पानी में खेलते हैं व एक दूसरे के ऊपर पानी डालते हैं।
वहाँ पर बहुत ही विचित्र दृश्य भी होते हैं। पानी से भरी सड़क, कारें, बसें और अन्य बहुत से वाहन पानी में से मुश्किल से बाहर निकलते हैं। सड़कें पार करनी मुश्किल हो जाती हैं और लोगों को पानी में घुसकर पैदल पार करना पड़ता है। छोटे बच्चे कागज की नाँव बनाकर उसे बारिश के पानी में तैराते हैं। कई बार बारिश में भीगने का अलग ही आनन्द होता है। लेकिन अगर लगातार भारी बारिश होती रहे तो बाढ़ आ जाती है और बाढ़ के आने से जानमाल का बहुत ही नुकसान होता है। और सब से ज्यादा निर्धन व्यक्ति को कष्ट होता है। अगर सावधानी न बरती जाए तो बहुत-सी बीमारियाँ अचानक फैल जाती हैं। तथापि वर्षा का हमेशा स्वागत किया जाता है।
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