हिमपात का दृश्य 
Himpat Ka Drishya


हिमराशि और हिमपात बड़े सौन्दर्य की वस्तु हैं, पर इनके दर्शन करने का आनंद सभी नहीं ले सकते। हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून से मसूरी जैसी हिमपात की भूमि दूर नहीं है, पर हमारे लोगों को प्रायः उसके सौन्दर्य को नेत्रों द्वारा पान करने की लालसा नहीं होती। आज यातायात सुलभ है। रेडियो वाले शाम को ही लोगों को सूचित कर देते है कि मसूरी में बर्फ फुट-दो-फुट पड़ी हुई है, कल बड़ा सुंदर समाँ होगा, तो कितने ही लोग यहाँ आ सकते हैं। दिल्ली से कार द्वारा आने से पाँच घंटे से ज़्यादा नहीं लगेंगे। सहारनपुर से दो घंटे भी नहीं, और देहरादून से तो पौन घंटा ही। अब लोगों में कुछ रुचि जगने लगी है और हिमपात देखने के लिये वे सैंकड़ों की तादाद में आते हैं। ग्रीष्म में आनंद लूटने के लिए अधिक लोग यहाँ आते हैं। वही बात हिमदर्शन के लिये भी लोगों में आ सकती है, पर हिम का दर्शन साधारण आदमी के बस की बात नहीं है। नीचे का आपका ओवरकोट यहाँ की सर्दी को रोक नहीं सकता। यहाँ और मोटा गरम स्वैटर चाहिए। चमड़े की जर्सी या फतुई अधिक सहायक हो सकती है। मोटे कोट-पैण्ट के अतिरिक्त मोटा ओवरकोट, पैरों में मोटा ऊनी मोज़ा और फूल बूट चाहिए। कान और सर ढकने के लिये चमड़े या ऊन की टोपी और हाथों में चमड़े के दस्ताने भी चाहिए।