जगदीश चंद्र बसु
Jagdish Chandra Basu
जगदीश चंद्र बसु जीव-विज्ञान के साथ-साथ अन्य विषयों गणित, संस्कृत, लैटिन आदि में भी असाधारण थे। इसी कारण उन्हें कॉलेज में छात्रवृत्ति भी मिली। उन्हें सन् 1884 में कैम्ब्रिज से प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक की उपाधि मिली। इसके बाद वे स्वदेश लौट आए। यहाँ आकर कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में भौतिकी के प्रोफेसर नियुक्त हुए। इस कॉलेज में भारतीय अध्यापकों को अंग्रेज़ी अध्यापकों की अपेक्षा कम वेतना मिलता था। जगदीश चंद्र बसु बड़े स्वाभिमानी थे। उन्होंने इस बात का विरोध किया। वे तीन साल तक इस कॉलेज में अध्यापन व अनुसंधान कार्य करते तो रहे परन्तु बिना वेतन के। अन्त में उनकी काम के प्रति निष्ठा और उत्साह देखकर कॉलेज के संचालकों को उनके प्रति अपनी राय बदलनी पड़ी और पूरा वेतन दिया जाने लगा। अतः भारतीय अध्यापकों के प्रति इस कॉलेज में जो गलत रवैया था, उसको उन्होंने सर्वथा बदल दिया।
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