खेलों का महत्व 
Khelon Ka Mahatva


पहले खेल-कूद को लोग पढ़ाई में बाधा मानते थे। ऐसी मानसिकता सचमुच ग़लत थी। अब लोगों की मानसिकता में परिवर्तन आया है। लोग जान चुके हैं कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों का भी जीवन में विशेष महत्त्व है। खेलों से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। उसमें चुस्ती और फुर्ती आती है। पसीना बह जाने से शरीर की गंदगी बाहर निकलती है और रक्त का संचार बढ़ जाता है। शरीर के साथ-साथ खेलों का बुद्धि पर भी प्रभाव पड़ता है। कहा भी गया है, "स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।" शिक्षा का उद्देश्य है- विद्यार्थी की बहुमुखी प्रतिभा का विकास करना। खेलें शिक्षा के इस उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायक बनती हैं। खेल के मैदान में विद्यार्थी अनुशासन, समय का पालन, सहयोग, सहनशीलता, नेतृत्व, दृढ़ता, दल-भावना आदि गुणों को सहज ही सीख जाता है। इन सब बातों को देखते हुए ही सरकारें भी खिलाड़ियों को अधिकाधिक सुविधाएँ देने में प्रयासरत हैं।