आस
Aas
बड़ा जतन और खौरी खैकी
नयो राज्य उत्तरांचल बणीगी
ज्वानों न पुगंड़ों-२ मारी फाली
दानो सयणों न करी जग्वाली
छोटा नौना भी नी रैन पिछनई
अपणी काकी बोडी दगड़ी रैन, अगनई अगनई
लम्बो समय कू सुपिनो पूरो हवे
पर अगनै क्या होलू, सबी सोचणा रयें
ये छोटा राज्य कू, होलू कू सिपैसलार
जैमू हम दिखौला, टुट्याँ फुटयाँ अपणा गुठ्यार
लगै सकला अपणी जिकुड़ी की व्यथा,
बांजा होन्दा पुंगड़ा, रौलों बोलों की कथा
चिमनी कू उज्यलू अर चुल्हा कू धुंवा
बन्ठा का पील अर डांडयूँ की हवा
तभी पता चली हमते, होय आनन्द
मुख्यमंत्री बणीगे, स्वामी निन्यानन्द स्वामी जी
तुम पर बड़ो विश्वास च।
ये राज्य की तुम पर लगी आस च।।
उत्तराखण्ड तुम्हारी कर्मभूमि छै।
आज धर्म निभौण कू वक्त आयूं च।।
मी तै विश्वास च, तुम ये राज्य तैं
अगनै बढैला, बाटा विकास का खोली तैं
वेन मैना दस पूरा, पर स्वीणा अधूरा
टूटयां बाठा जख्या तखी,
रीता भान्डा तिबारी मथी।
मन्ड मा घास, कमर मा गागर
उत्तरांचल नारियूं कू जीवन जनू सागर
अथाह कष्ट पर धैर्य धरी की
अपणा बीर सिपैयूं की बाटा हेरी दी।
रात दिन कटणा छन इं आस मा
नी खाला खौरी अब हमारा नौना ये देश मा
हमारु यू राज्य भी सुविधा सम्पन्न होलू
पाणी, घास, बिजली, शिक्षा सभी मिललू
स्वामी जी जनू आपकू नौ च
वे तें सार्थक करी द्यावा
ये राज्य मा आनन्द का फूल व फल लगैकी
यख का घराट, डाला वोटों चलदा करीकी
रोजगार, उद्योग लगै की राज्य तैं
राम राज्य जनी बणै दयावा।
जू लोग वे छा ये राज्य का बाना शहीद
उँकी इच्छाओं तें याद रखला तुम
माँ बैणीयूँ की गाणीयूँ की कुटरी
सच होली - तुम सच करला।
अपणा कानों न सुणी लेनी सच्ची आवाज,
तुम रायां जुगराज तुम रायां जुगराज।
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