उत्तराखण्ड की धै 
Uttarakhand ki Dhe



यू कूलैं का डाला, यू बांजा डाला, यू बुरांसा डाला 

धै लगौणा छन, 

एक हवे जावा, अगनै आवा 

एक प्रश्न बणीगे आरक्षण, 

यू आरक्षण कू सवाल नी च 

तुम्हारी अस्मिता कूच 

क्या तुम पर्वतवासी जर्जर छां ? 

या तुम्हारी जड़ कमजोर छन ? 

यांकी आजमाइस कू वक्त च, 

ये वक्त तुमन दिखै देण 

तुम रंया छा बाजों का डालों बीच 

खाईं च कुलै की ठंडी हवा 

पल्याँ छाँ कठोर चट्टानों मां, 

त चट्टान बणीक अपणी पहचान दिखावा, 

आवा, आवा उत्तराखण्ड बणावा।।