चल दगड्या
Chal Dagadya
चल दगड़या घूमी औला तौ रौंतेली काँठयूँ मा...२
ना ना ना मी नी आई सकदो तौ रौतेली डांडयू मा
चल त्वे तै छोया को, मीठो पाणी पिलौल
चल त्वे तै बणा का मिरग दिखै लौलू
चल मठु मठु हीटि जौला छवीं बत्था लगौला..... २
गौ का फुयाल छवीं लगाला तेरी मेरी माया की
बोई काकी बोडी सुणली खैरि ऐ जाली जिकुड़ी की
अपणा उलैया माया पर डालछींटो ठन्डो पाणी की ...
चल
स्वीणा मा भी जुन्याली जनी मुखड़ी तेरी दिखेंदी
लगुली जनी लपलपी झपझपी सडसड़ी सी दिखेंदी
आख्यूँ आख्यूँ कटीजांद सैरी रात बसग्याल की
चल दगड्या ......
तेरी मीठी मीठी बातू ना, कीलू सी पैंटीगे जिकुड़ी मा,
बादलो का रथ मा बैठि, उड़ी-उड़ी गयूँ सरग मा,
सच्ची माया तेरी छोरा, या कुटरी च, या झूठ की ....२
चल दगड्या .....
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