डांडयू मा आग
Dandyu Ma Aag
चला दीदी चला भूल्यूँ, चला रे भै बन्धो
डांडयूँ मा आग लगी, बुझौणू चला,
काठ्यूँ मा आग लगी बुझौणू चला
जली जाला जंगल त बथों आलू कख बटि
सूखी जाला गाऽ गदेरा, पाणी रालो कख बटि-२
चला.... दीदी चला भुल्यूँ
बण का मिरग जली जाला, फूक्ये जालि जड़ी बूटि
पुंगड़ी पटूली बाँजि ह्वाली क्या खौला हम पीसि कूटि-२
चला....
विसि जाला छोया छंछाड़ा, नौला मगरा कू पाणी भी
गोरु बछरु तीसि राला क्या करिल्या तुम जी-२
चला....
को निरभगी होलू जौन जंगल जलाई
अपणी जड़ल्यूं पर ऊन थमली चलाई-२
चला....
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