चीणा दाणी
China Dani
नी कर सुदी गाणी, कि होली चीणा दाणी
क्या उखड़ क्या सेरा' बाँजी पुंगड़ी सारी...
मीनत करी' करी की मूसौं न डूंड भरी
ग्यूँ जौ, कोदो, झंगोरा का बाना कमर कसी
गौं का निरवुद्धा मनखी वे गैनि लमडाल
नी करी......
मौल्यार मैना जंगल लगी आग
गोरु बछरु छोड़ि-मनख्यू तै खाणू बाघ
नी बचैला यू जंगलू नी बचैला यू जंगलू होला और कुहाल .....
नी कर सुदी .....
धारा पन्देरा गदेरा वखी छन
तूणी खड़ीक असीन वखी छन
नी दिखेंदन गौं गलो मा-२ कूडो को संघाड़
नी कर सुदी ......
गौ का दाना सयाणा, अब भी जग्वलणा छन
तुम पर लगी च आस ऊँ ना निरस्याँ तुम
आख्यूं मां पौडिन जाला-२ वाटो-बाटो हेरी-हेरी
नी कर सुदी ....
बाजा पुंगडा कूड़ा खंदवार, नी दिखेन्दी कैकी अन्द्वार
तल्या मल्या खोला वीराना, दानों पर धरयूँ सारु
क्या जी होलू यूं बातू ना, कू करलो धाणी
नी कर सुदी .....
तल्या छाल पल्या छाल, कांडा पैजिन बौण धार
गूणी-बांदर सूंगर स्याल, बिन्डी वेगिन देखा अफार
क्या जी होलू यूं बातू ना-२ नी करी सुदी गाणी
कैन कुछ नी जाणी
पाणी की भरी गागर चौक मा कैन धरी
चौक मा पड़ी तिड़वाल फैडीयूं मा कुमरा जमी
क्या जी होलू यूँ बातू ना-२, रिंगणू च पराणी ।
नी कर सुदी…..
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