न वास हिलांस
Na Vaas Hilans
मन च उदास, न बास हिलांस
विरणों का औन्दर जन्दर, देखी मन मा होन्दी त्रास
ना वास हिलांस....
अकेला उजाड़ निपट अन्धेरी जिन्दगी
सरकणी च गोया सी लगौणी
मन मा नी जगदी क्वी आस
न वास हिलांस..
यू पांख्यू मा चढी उतरी
विवें पड़ीन फिल्वाड्र्यों पर
ल्वे बगदू, पर पौंछण कू नी च सांऽस
ना वास हिलांस.....
चिलगटों की चींची पोथलों की फरफर
एक टक, बयाणा छन कन्दूण
गदनियूं कू स्वीस्याट,
न वास हिलांस....
कखड़ी बी राली, नारंगी की सोली
रिटणी आख्यू मा घट्ट की थौली
थक्यूं घट्ट को घर्राट
न वास हिलांस....
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