सौंली सी कमर 
Sauli Si Kamar



सौजड़यू का दगड़ा मा, जब वौण जैली... 

हाथ मा दाथी, कमर बान्धी होली।।


मुख मा गफा, नजर धार होली 

घास का वान्यू, सरासर हिटदी होली 

नाक मा नथूली, बुलाक झलकदी होली 

सर सर बथौ न लटुली उड़दी होली ।। सौजड़यू…….


गोरू की पांति मा जब बौण जैली 

क्वी लालू सत्तू, तू बुखणा ऽऽ लिजैली 

हंसी खुशी दिन कटदा, रात रोन्दी होली 

स्वामी छन, परदेश, खुद लगदी होली। सौजड़यू ......


मौल्यार का मैना तू, जब डांडां जैली 

कुंगली पूली लेकी, गोरू मा देली 

पतली कमर तेरी, सौंली सी दिखदी होली 

मुंड मा गडोलू, मठु मठु हिटदी होली


राती काली उठी की, जन्दरी रिगौन्दी 

तब उरख्याला मा, सट्टी कुटदी होली 

चौमासा मां होन्दू च, धाणी कू जोर 

बिना मनख्यूँ त्वै तें, रगऱ्याट होली