धै 
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सांख्यू बटि खड़ा छन पहाड़, हमतें धै छन लगौणा, 

बौड़ी आवा अपणा घर बार, हमतै धै छन लगौणा। 

बाटो हेरदी छन काँठी 

कब बजली बल्द की घाँडी 

कब आली ग्वेर छोरों की डार, हमतै धै छन लगौणा 

किले विसरायां ईं थाती ऽऽ 

जख छन पितरों की तुम्हरी माटी 

नी करा तुम गौं का गौं उजाड़, हमतै धै छन लगौणा 

पहाड़ हमारी हिकमत च 

पहाड़ हमारी किस्मत च 

सौंगावा हिकमत एक बार हमतें धै छन लगौणा 

निरगुसैं सी वेई गैनी डाँडी 

लाछी लाछी खुरसी गैनी कांठी 

जना देखा दिखेंदी नांगी धार, हमतै धै छन लगौणा 

पुंगड़ी सगोड़ी बांजी हवेनी 

ओडो भीटू तखी रै गिनी 

कब दिखेली मनख्यं की अन्दवार, हमतें धै छन लगौणा