जय उत्तराखंड
Jay Uttarakhand
जय उत्तरांचल ईं धरती की महिमा
आदि अनादि बटे च ऽऽऽ।
धन्य छा वो लोग, जौन पहाड़ बसै ना
मीनत से अपणी, पौड़ काटिन
सैणी सैणी पुंगड़ी बणैनि
नाज न कुठार भौरनि
जय........
नारी यख की जन्दरी सी कीली
द्यबतों समान उजली सजीली
रिंगदी च स्याम सुबेरी
सब्यू की लाठी बणिकी।
जय.......
थड़या चौंफूला मांगल हमारा
चैती बसंती जागर सारा
जिकुड़ी की टास बुझौंदन
मनख्यूँ तैं देबता बणोदन
जय...
वीर भडू की भूमि हमारी
त्यागी तपस्यूँन भौंरी च सारी
ई भूमि शीश नवावा
अपणा गौरव तें सम्माला।
जय....
0 Comments