कटान 
Kataan



हे कुलैयूं तुम किलै वेयां छांटी-२ 

पैली तुम कतना धौणी छोन्दी छा 

मी नी देखी सकदू छौ अपणा मैत 

नी लंग्धे सकदू छौ तेरी धार 

तेरा पिरुलै डौर से - हे कुलांयू तुम.... 


आज खरड़ी वेन तेरी धार 

गोरू बखरा, रिटी रिटी गफा बाना 

त्वे मू औन्दन रूंदन बोलदन हे कुलांयू तुम....किलै वेयां छांटी 

धसेनी त्वे मू औन्दन बोलदन 

अब कै झाड़ पर मिललो घास 

कख मू प्योला ठंडो पाणी 

यू सोची सोची क झूरूणू च पराणी हे कुलांयू तुम..... 


हे कुलायूं तुम छांटी क्या होयां 

हमारा कूड़ा अण छायां रैगिन 

जंगल बचौण कू बोली हमू तैं 

पर पैसा कू जोर पर, 

दना दन कुल्हाड़ी मारी तैं 

माफिया खाडू ऐन, त्वे तै ली गैन.... 


हे कुलैं तभी तुम छांटी छां 

यू बड़ी देर बाद जाणी मिन .....