खुदेड़ गीत
Khuded Geet
मीन सैरी जिन्दगी काटी यूँ पहाड़ों मा २
लोग हर साल गैन देश परदेश मा
तेरी बेटी बैंठी रयै, डांडां डांडा गाडों मा ...
यूँ पहाड़ो मा
रुड़ी कू घाम देखी, कसणू पराणी माँ
तीस न ओंठ उब्यां, बैठयूँ डाली छैलू मा
मीन सारी.........
वार त्यौहार आला दगड़या जाला मैत मा
तेरी बेटी रौन्दी राली चौक का तिरवाली मा
बूं खाल को मेलू लग्यूं, लोग जाणा तमासा मा
तेरी बेटी बैठी रयै, सौजड्यूँ की आस मा
मीन सारी.......
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