तिमला 
Timla



झड़याँ तिमला खुंचला पर, समेटणू कू गेडी बांधी 

पर डाला बटी टूट्यां फल, गेड़ी मा नी रै सकदन


डालू एक फौकां अनेक, सब्यूं पर वेकी टेक 

फौका फौका छांटा हवेकी, भूली जानदन तैकी टेक 

हरयूँ रालू गोल त, फौंकी भी हरी राली, सरल पाठ जिन्दगी कू 

झणी किलैनी जणदिन। 

सुख का दगडया छन, सुख मा ही दिखेन्दन 

आव मित्र रिश्तेदार दुख मा ही पछणेदन 

कूड़ी पुंगड़ी गिरवी धरी, खोटी या नी पाई क्वे 

ऊँचा हवे खजूर जन, छाया भी नी मिलिदन 

डाला वटी टूटा फल गेड़ी मा नी रैदिन


रीतू मांडू देखिकी सब्या कखर्यलदिन 

खडू च जू सब्यूँ दगाड़ि, तै निखुट बोलदिन 

सुख मा कट्ठा हवे जान्दन, दुःख मा नी देखदन