चतुर खरगोश 
Chatur Khargosh



एक जंगल में एक शेर रहता था, जो अत्यंत क्रूर प्रवृत्ति का था। वह बिना किसी कारण के जंगल के सभी जानवरों को मारता रहता था। शेर की इस प्रवृत्ति से तंग आकर जंगल के सभी जानवरों ने तय किया कि वे शेर से बिना किसी कारण के जानवरों का वध न करने के लिए प्रार्थना करेंगे। वे सभी शेर की मांद में पहुँचे और उन्होंने शेर के सामने एक प्रस्ताव रखा। 

"हमने तय किया है कि हम सब में से कोई ना कोई जानवर प्रतिदिन आपका भोजन बनने के लिए स्वयं आपकी माँद में आ जाएगा। इस प्रकार आपको अपने भोजन के लिए किसी जानवर को मारने की आवश्यता नहीं पड़ेगी। हे जंगल के राजा! हम आपसे प्रार्थना करते हैं कि आप शेष सभी जानवरों का बिना कारणवध करने के बजाए उनकी रक्षा करें।" सभी जानवर एक स्वर में बोले। 

शेर ने जानवरों की बात मान ली। अगले ही दिन से जानवरों ने अपने प्रस्ताव पर कार्य करना शुरू कर दिया। अब शेर को अपनी माँद में ही भोजन मिलना शुरू हो गया। लगभग एक महीने तक सब कुछ ठीक चलता रहा। एक दिन एक बूढ़े खरगोश की बारी आई। वह अभी मरना नहीं चाहता था, इसलिये माँद की ओर जाते समय उसकी चाल अत्यंत धीमी हो गई। 

चलते-चलते वह सोच रहा था कि किस तरह इस क्रूर शेर से छुटकारा पाया जाए। अचानक उसकी दृष्टि एक कुँए पर पड़ी। खरगोश ने मन ही मन एक योजना बना ली। खरगोश धीमी गति से चल रहा था, फलस्वरूप वह शेर की माँद में बहुत देर से पहुँचा। इतनी देर में शेर भूख से बेहाल हो चुका था। खरगोश को देखकर वह ज़ोर से गुर्राकर बोला, "तुम इतनी देर से क्यों आए हो और ऐसे क्यों हाँफ रहे हो?"

"मुझे रास्ते में एक दूसरे शेर ने रोक लिया था, महाराज। वह मुझे खाना चाहता था परंतु मैं उसे चकमा देकर भाग कर यहाँ आ गया।" खरगोश ने बड़ी चतुराई से जवाब दिया। 

“दूसरा शेर! कहाँ रहता हो वो?" शेर ने पूछा। 

"रास्ते में एक कुँआ है, महाराज। बस उसी के अंदर रहता है वह दूसरा शेर।" खरगोश ने जबाब दिया।

शेर बोला, "तुम इसी समय मुझे वहाँ लेकर चलो।" खरगोश शेर को लेकर कुँए की ओर चल पड़ा। कुँए तक पहुँच कर खरगोश बोला, "महाराज! वह शेर इसी कुँए के अंदर रहता है।"

शेर ने कुँए में झांका तो उसे पानी के अंदर अपना प्रतिबिम्ब दिखाई दिया। शेर ने अपने प्रतिबिम्ब को दूसरा शेर समझ कर कुँए के अंदर छलाँग लगा दी और कुँए के पानी में डूब गया। सभी खरगोश की बुद्धिमत्ता से प्रसन्न होकर उसकी जय-जयकार करने लगे। 

शिक्षाः बुद्धि बल से बड़ी होती है।