संस्कार
Sanskar
माता एक भाई पैदा करती है, वाणी दूसरा उत्पन्न करती है, वाणी से उत्पन्न भाई सहोदर से भी उत्तम एवं हितैषी होता है।
हितोपदेश
विनय व्यवहार में व्यक्त होने वाली शिष्टता है।
कालीदास
अच्छे संस्कार खरीदे नहीं जाते हैं और न ही रास्ते में पड़े हुए मिलते हैं।
अज्ञात
मनुष्य को अत्यंत सरल और सीधे स्वभाव का भी नहीं होना चाहिए। इससे सब लोग उसे दुर्बल मानने लगते हैं और हर समय उसे कष्ट देने का प्रयत्न करते हैंजंगल में सीधे पेड़ काट दिए जाते हैं जबकि टेढ़ेमेढ़े वृक्षों को कोई हाथ भी नहीं लगाता!
चाणक्य
हमारे स्वभाव का प्रभाव हमारे परिवार के दूसरे सदस्यों की उन्नति या अवनति पर भी पड़ता है।
स्वेट मार्डेन
व्यक्ति का अंतःकरण ईश्वर की वाणी है।
बायरन
एकदूसरे का सम्मान और शिष्टाचार ही संस्कृति की आधारशिला है।
महात्मा गांधी
व्यवहार के दर्पण में प्रत्येक वस्तु का प्रतिबिंब देखा जा सकता है।
गेटे
हरेक संस्था को सिद्धांतवादियों की आवश्यकता होती है, वरना उसमें जीवन और दृढ़ता नहीं आ सकेगी। परंपराओं के बिना आपका व्यक्तित्व नष्ट हो जाता है।
प्रेमचंद
परोपकार के लिए मरने का सौभाग्य तो संस्कार वालों को ही प्राप्त होता
प्रेमचंद
मनुष्य की बुद्धि और विनाश उसके अपने व्यवहार पर निर्भर करता है।
चाणक्य
स्वभाव ही मनुष्य के जीवन का स्वर्ग या नरक निर्धारित करता है।
स्वेट मार्डेन
उपलब्धि के लिए सुविधाओं और योग्यता के अलावा एक और चीज की भी जरूरत होती है जिस का नाम है- रवैया। अगर आपका रवैया सही होगा तभी आप अपनी योग्यता का अधिकतम उपयोग कर पाएंगे और आपको उसके अच्छे परिणाम अपने-आप मिलेंगे।
प्रोफेसर अर्विन एच. रोल
जो व्यक्ति दूसरों के गुप्त भेद तुम्हारे सामने प्रकट करे, उसे अपने गुप्त भेदों से अवगत न होने दो, क्योंकि जो व्यवहार वह दूसरों के साथ कर रहा है वही तुम्हारे साथ करेगा।
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