निंदा-स्तुति
Ninda-Stuti



निंदक अंततः स्वयं ही निंदित हो जाते हैं।

ऋग्वेद

जिसका हृदय सहानुभूति से परिपूर्ण है उसे ही समालोचना करने का अधिकार है।

अब्राहम लिंकन