दशहरा 
Dussehra 


500 Words

त्योहार मानव के हर्षोन्माद तथा श्रद्धाभावना के परिचायक हैं। इसमें संदेह नहीं कि त्योहारों द्वारा मानव अपने व्यस्त जीवन में कछ समय के लिए विश्राम प्राप्त कर लेता है तथा अपनी चिंताओं से कुछ क्षणों के लिए छुटकारा पा लेता है। इन सभी त्योहारों में दशहरे का विशेष स्थान है। 

दशहरा शब्द दश+हरा से मिलकर बना है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने रावण के दस सिरों का हरण किया था, इसीलिए यह दशहरा कहलाया। रावण के सिर दस प्रकार के पापों के प्रतीक हैं। उनका नाश करने के कारण भी इसका नाम सार्थक है। सत्य की असत्य पर, पुण्य की पाप पर विजय होने के कारण, इसे विजयादशमी भी कहते हैं। 

यह त्योहार हर वर्ष आश्विन मास के शुक्लपक्ष में दशमी के दिन भारतवर्ष के संपूर्ण प्रदेशों में मनाया जाता है। देश का एक बहुत बड़ा समुदाय इस दिन देवी दर्गा की पूजा करता है। यह त्योहार प्रतिपदा से लेकर भरतमिलाप तथा राजतिलक के रूप में द्वादशी तक चलता है। 

उत्तर भारत में रामचरितमानस पर आधारित रामलीला का प्रदर्शन किया जाता है। नौ दिन तक आरंभ से अंत तक भगवान राम के चरित्र की लीलाएँ खेली जाती हैं। मेला लगता है। दसवें दिन इस लीला में रावण का वध दिखाया जाता है। रावण, कुंफभकरण और मेघनाद के पुतले बनाकर उनमें हर प्रकार की आतिशबाजी रख दी जाती है। उनमें आग लगते ही रंग-बिरंगी चिंगारियाँ निकलने लगती हैं और जोर-जोर से धमाके होने लगते हैं। 

दुर्गा देवी के भक्त इस उत्सव को नवरात्रि के नाम से भी पुकारते हैं। इसमें नवमी तक दुर्गा पूजा होती है और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। अनेक भक्तजन नौ दिनों तक व्रत रखते हैं तथा फलाहार करते हैं। नवमी के दिन यज्ञ होता है। रात्रि को जागरण होता है। देवी दुर्गा के गीत गाए जाते है।

इस त्योहार की उपयोगिता कई कारणों से है। रामलीला के प्रदर्शन से बालकों के हृदय में माता पिता की आज्ञापालन, गुरुभक्ति, मातृभक्ति भावना, भ्रातृवत्सलता और हृदय में शौर्य का संचार हो जाता है। दुष्ट रावण के वध को देखकर असंख्य लोगों के हृदय में दुराचार के प्रति ग्लानि हो जाती है। इस त्योहार को भारतीय मिलकर मनाते हैं। 

नई पीढ़ी पुरातन घटनाओं से अवगत हो जाती है। शुद्धता एवं परस्पर स्नेह के दृष्टिकोण से भी इस त्योहार का विशेष महत्त्व है। हिंदू कन्याए इस दिन घर की सफाई कर दशहरे के पूजन के बाद अपने भाइयों के कानों में 'नौरतें' टाँगती हैं। इससे आपस में भाई-बहन में स्नेह का उद्रेक होता है। इसीदिन संसार को मुक्ति का संदेश देने वाले भगवान बद्ध का जन्म हुआ। इससे इस पर्व का और भी अधिक महत्त्व बढ़ जाता है। 

दशहरा हमे हमारी भारतीय परंपरा, गौरव और संस्कृति का ज्ञान कराता है। यह राष्ट्र के उत्थान में बहुत ही अधिक सहायक है। यह त्योहार हमें शिक्षा देता है कि अन्याय, अत्याचार और दुराचार को सहन करना भी एक पाप है। वीर भावनाओं से ओत-प्रोत विजयादशमी हमें राष्ट्रीय एकता और दृढ़ता की प्रेरणा देती है तथा अत्याचारियों को समाप्त करने का सकेत देती है।