मानवता
Humanity
प्रत्येक मनुष्य के अंदर उसका तेज और विशिष्टता सुप्तावस्था में रहती। है। अवसर पाते ही वह जागृत हो जाती है।
स्वेट मार्डेन
मानवता जीवन की रातरानी है जो भयानक अंधियारे में भटकती है।
बालकृष्ण बालटुवा
अकृतज्ञता मानवता के प्रति विश्वासघात है।
इमर्सन
आदमी पहले ईमानदार और नेक बने और बाद में तहजीब और खुशी की पॉलिश चढ़ाए।
कन्फ्यूशियस
दमकते हृदय और स्वच्छ अंतरंग के लिए दुनिया में डर की कोई बात नहीं
हैसन
मस्तिष्क मनुष्य के लिए पहलू मात्र होता है, लेकिन हृदय तो सब कुछ
खिरोल
जीवन का नियम प्रगति अवश्य है, परंतु अभी मनुष्य बनने में हमें देर
ब्राउनिंग
क्रोध, घृणा, अहम्, मोह, आसक्ति ऐसे भाव हैं जो मनुष्य की सोचनेसमझने की शक्ति समाप्त कर देते हैं और वह खुद अपना विनाश कर लेता है। इस विनाश से बचने के लिए मनुष्य को आत्ममंथन करना चाहिए।
स्वेट मार्डेन
बुरा आदमी तब और भी बुरा बन जाता है, जब वह साधु बनने का स्वांग रचता है।
बेकन
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