परिश्रम 
Parishram



प्रकति को अपने विकास में रुकना नहीं आता, इसलिए अकर्मण्यता पर वह अपना अभिशाप जताती है।

गेटे


शम मानव जीवन के लिए अनिवार्य है और यही मानवकल्याण का मन स्रोत है।

टालस्टाय


ही श्रेयस्कर है। प्रयत्न देव है व भाग्य देवता है। इसलिए प्रयत्न देव की उपासना करना

समर्थ रामदास


कर्म सदैव भले ही सुख न ला सके, पर कर्म के बिना सुख नहीं मिलता।

डिजरायली


कर्म ही पुरुष है और पुरुष ही कर्म है। ये दोनों इस प्रकार अभिन्न हैं। जैसे बर्फ और उसकी शीतलता।।

योगबासिष्ठ


जिस व्यक्ति ने कल्पना के महल नहीं बनाए, उसे वास्तविक महल की उपलब्धि कभी नहीं हो सकती।

निवेदिता


समय और सागर की लहरें किसी की प्रतीक्षा नहीं करतीं।

रिचर्ड ब्रैथव्हेर


कछ कर्म स्वभाव से ही करने योग्य नहीं होते, उसी प्रकार वे भी करने योग्य नहीं होते, जिनमें किया गया पुरुषार्थ निष्फल हो।

महात्मा विदुर


अपने लक्ष्य को मत भूलो अन्यथा जो कुछ मिलेगा केवल उसमें संतोष करना पड़ेगा।

बर्नार्ड शॉ


निराशा हमारी प्रसन्नता, सुख और शांति को ही नष्ट नहीं करती, वह हमारे उन संकल्पों को भी नष्ट कर डालती है जो हमने कुछ सत्कर्मों को करने के लिए किए थे।

स्वेट मार्डेन