हिंदी निबंध - आकस्मिक बाढ़ 
Akasmik Badh


नई दिल्ली। दो-तीन दिन पहाड़ों पर भारी बारिश क्या हुई कि यमुना नदी उफनने लगी। सोमवार की सुबह छह बजे तो इसने भयानक रूप धारण कर लिया। नदी का पानी सड़क पर रिंग रोड पर आ गया । पानी इतनी तेतो में बदा कि सड़कों पर दो-तीन फुट खड़ा हो गया। इसने आसपास की कालोनियों जैसे रामकिशोर रोड, बेला रोड को लोल लिया। पानी बदने से यातायात जाम हो गया। इस पर आने-जाने वाला यातायात प्रभावित हुआ। दिल्ली से बाहर से आने वाला यातायात जाम हो गया और दिल्ली में रोज आने-जाने वाले वाहनों को भी रुकना पड़ा। कुछ वाहन सड़क के पानी में आधे से ज्यादा डूब गए। कुछ रेंग-रेग कर चलने को विवश थे। कुछ पानी में फंसे थे। बाढ़ के पानी ने घरों में जाकर लोगों का सामान खराब कर दिया। मूल्यवान चीजें पानी में डूब गई। कुछ मकानों में करंट आ गया जिससे एक बुजुर्ग और दो बच्चे काल-कवलित हुए। बारिश क्योंकि रुकने का नाम नहीं ले रही थी इसलिए बचाव और राहत कार्य भी काम नहीं आ रहे थे। जिन छात्रों की परीक्षाएँ थीं ये घरों में कैद रहे। बरसात लगातार एक हफ्ते रही। इससे जन-जीवन असामान्य हो गया। तीन दिन बाद प्रशासन ने इस क्षेत्र से जल का निस्तार किया। लेकिन तब तक क्षेत्र के कुछ लोगों को न केवल जान-माल को हानि उठानी पड़ी बल्कि बीमारी होने पर वक्त पर इलाज न मिलने पर जान भी गवानी पड़ी।