हिंदी निबंध - सिनेमा जगत 
Cinema Jagat


सिने जगत के अनेक नायक-नायिकाओं, गीतकारों, कहानीकारों और निर्देशकों को हिन्दी के माध्यम से पहचान मिली है। यही कारण है कि गैर-हिन्दी भाषी कलाकार भी हिन्दी की ओर आए हैं। समय और समाज के उभरते सच को परदे पर पूरी अर्थवत्ता में धारण करने वाले ये लोग दिखावे के लिए भले ही अंग्रेजी के आग्रही हों, लेकिन बुनियादी और ज़मीनी हकीकत यही है कि इनकी पूँजी, इनकी प्रतिष्ठा का एकमात्र निमित्त हिन्दी ही है। लाखों-करोड़ों दिलों की धड़कनों पर राज करने वाले ये सितारे हिन्दी फिल्म और भाषा के सबसे बड़े प्रतिनिधि हैं।

'छोटा परदा' ने आम जनता के घरों में अपना मकाम बनाया तो लगा हिन्दी आम भारतीय की जीवन-शैली बन गई। हमारे आद्यग्रंथों-रामायण और महाभारत को जब हिन्दी में प्रस्तुत किया गया तो सड़कों का कोलाहल सन्नाटे में बदल गया। 'बुनियाद' और 'हम लोग' से शुरू हुआ सोप ऑपेरा का दौर हो या सास-बहू धारावाहिकों का ये सभी हिन्दी की रचनात्मकता और उर्वरता के प्रमाण हैं। 'कौन बनेगा करोडपति' से करोडपति चाहे जो बने हों, पर सदी के महानायक की हिन्दी हर दिल की धड़कन और हर धड़कन की भाषा बन गई। सर और संगीत की प्रतियोगिताओं में कर्नाटक, गजरात, महाराष्ट्र, असम, सिक्किम जैसे गैर-हिन्दी क्षेत्रों के कलाकारों ने हिन्दी गीतों के माध्यम से पहचान बनाई। ज्ञान गंभीर 'डिस्कवरी' चैनल हो या बच्चों को रिझाने-लभाने वाला 'टॉम एंड जेरी'-इनकी हिन्दी उच्चारण की मिठास और गुणवत्ता अद्भुत, प्रभावी और ग्राह्य है। धर्म-संस्कृति, कला-कौशल, ज्ञान-विज्ञान-सभी कार्यक्रम हिन्दी की संप्रेषणीयता के प्रमाण हैं।