हिंदी निबंध "महंगी शिक्षा की समस्या"
Mehangi Shiksha ki Samasya


हमारे ग्रंथों में शिक्षा को खूब तारीफ की गई है। सरकार भी पूरे देश को शिक्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ती पर यह शिक्षा आज बाहुत महंगी हो गई है। आज अगर किसी प्राइवेट स्कूल की नर्सरी कक्षा मे दाखिला कराना हो तो लाखों रुपए की डोनेशन देनी पड़ती है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अब आम आदमी अची शिक्षा नहीं ग्रहन कर सकता क्योंकि उसके पास धन का अभाव है। अगर किसी बच्चे को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनी है तो उसे लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। आज सब्जी बेचने वाला अपने बच्चे को उच्च शिक्षा नहीं दिला सकता क्योंकि पब्लिक स्कूलों पर अमीरों  ने कब्जा किया हुआ है। अगर सरकार चाहती है कि गरीब के बच्चे भी अच्छी शिक्षा ग्रहण कर योग्य बनें तो उसे इन स्कूलों की बढ़ती फीस पर नियंत्रण लगाना होगा। साथ ही दाखिले के नाम लाखों रुपये की डोनेशन की मांग करने वाले स्कूलों की मान्यता सामाप्त करने जैसे कठोर कदम उठाने होंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो शिक्षा केवल अमीरों के लिए ही रह जाती। गरीब जो सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाकर हो संतोष करेंगे। चाहे उनके बच्चे पढ़-लिखकर भी रिकशा ही क्यों न चलाए।