चतुर किसान
Chatur Kisan
एक बार एक किसान एक बकरी, घास का एक गठर और एक शेर को लिए नदी के किनारे खड़ा था। उसे नाव से नदी पार करनी थी लेकिन नाव बहुत बेटी थी कि वह सारे सामान समेत एक बार में पार नहीं जा सकता था। वह अगर शेर को पहले ले जाकर नदी पार छोड़ आता है तो इधर बकरी पास खा जाएगी और अगर घास को पहले नदी पार ले जाता है तो शेर बकरी को खा जाएगा।
अंत में उसे एक समाधान सूझ गया। उसने पहले बकरी को साथ में लिया और नाव में बैठकर नदी के पार छोड़ आया। इसके बाद दूसरे चक्कर में उसने शेर को नदी पार छोड़ दिया लेकिन लौटते समय बकरी को फिर से साथ ले आया।
इस बार वह बकरी को इसी तरफ छोड़कर घास के गहर को दूसरी ओर शेर के पास छोड़ आया। इसके बाद वह फिर से नाव लेकर आया और बकरी को भी ले गया।
इस प्रकार, उसने नदी पार कर ली और उसे कोई हानि भी नहीं हुई।
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What is the moral of the story
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