एक रोमांचक बस यात्रा 
Ek Romanchak Bus Yatra



यात्रा करने का अपना एक अलग आनन्द है। यात्रा मनुष्य को नये-नये अनुभव देती है। उसे तरह-तरह के लोगों से मिलने तथा नये-नये स्थानों को देखने का अवसर एक यात्रा में ही मिल सकता है। मुझे भी यात्रा करने का तथा नये स्थानों को देखने का अत्यधिक शौक है। इस वर्ष दशहरे की छुट्टियों में मैंने बस यात्रा का आनन्द लिया। मैंने बस द्वारा नैनीताल की यात्रा की। मैं प्रात: सात बजे आगरा के बस स्टैण्ड पर पहुँच गया। इतनी सुबह में भी यात्रा करने वालों की भारी भीड़ थी। विभिन्न स्थानों पर जाने वाले लोग अपनी-अपनी बसों की प्रतीक्षा में थे। सौभाग्यवश मुझे तुरन्त ही काठगोदाम जाने वाली बस खड़ी दिखाई दी। यह बस नैनीताल होकर जाती है। मैंने परिचालक की पीछे वाली सीट ले ली। परिचालक को अपने टिकट के पैसे दे दिये। थोडे से अन्तराल में बस यात्रियों से भर गयी तथा अपने गंतव्य की ओर चलने लगी। आगरा से नैनीताल तक का मार्ग तय करने में बस लगभग 12-13 घण्टे का समय लेती है। धीरे-धीरे बस खेतों, पेड़ों, घरों को पीछे छोड़ती तेजी से सडक पर दौडने लगी। 


हमारा बस चालक अत्यंत कुशल था। यद्यपि कुछ यात्री उससे गाड़ी तेज चलाने को कह रहे थे। किन्तु उसने अपना धैर्य न खोया तथा धीरे-धीरे तथा सावधानीपूर्वक वह बस चलाता रहा। बीच में कई स्थानों पर उसने बस रोकी तथा यात्रियों ने नीचे उतरकर चाय आदि का आनन्द लिया। लगभग नौ घण्टे की यात्रा के पश्चात् हमारी बस मुरादाबाद पहुँची। आगरा से मुरादाबाद तक का मार्ग अत्यंत खराब तथा ऊबड़-खाबड़ था। लेकिन मुरादाबाद के पश्चात् यात्रा का सही आनन्द आना आरम्भ हुआ। चारों ओर फैली हरियाली, अच्छी सड़क, दूर चिड़ियों का कलरव मन को अत्यंत भा रहा था। नैनीताल की ओर जाते हुये ठंड बढ़ती जा रही थी। धीरे-धीरे सभी यात्रियों ने अपने ऊनी वस्त्र निकाल कर पहन लिये। कुछ देर बाद पहाड़ी मार्ग आरम्भ हो गया। बस पतले पहाड़ी मार्ग पर चल रही थी। ऐसा लगता था कि अब यह संतुलन खोकर गड्ढे में गिर जायेगी। चारों ओर पहाड़ दिखाई दे रहे थे। हर तरफ हरियाली थी। कहीं-कहीं पहाड़ों से पानी भी गिर रहा था। स्थान-स्थान पर खूबानी, आडू, आलूचे जैसे पहाड़ी फल बिक रहे थे। मैंने भी ठेलवालों से खरीद कर फल खाये। बस में से चारों ओर इतने सुन्दर दृश्य दिखाई दे रहे थे कि बस में ही बैठे रहने का मन चाह रहा था। अंतत: बस ने हमें रात के साढ़े आठ बजे नैनीताल उतार दिया। यह यात्रा मेरे लिये अत्यंत रोमांचक थी। यद्यपि यह एक लंबी तथा नीरस यात्रा थी। लेकिन इस यात्रा से मैंने नये स्थानों का भ्रमण किया तथा नैनीताल की प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्दपूर्वक अवलोकन भी किया।

400 Words