घोड़ा
Horse
कुत्ते की भांति घोड़ा भी एक पालतू तथा अत्यंत वफादार पशु है। यह सुन्दर तथा आकर्षक पशु है। यह मुख्य रूप से सवारी के काम आता है। लोग इस पर बैठकर लम्बी-लम्बी यात्रायें किया करते थे। किन्तु आजकल के युग में पेट्रोल डीजल से चलने वाली गाड़ियों ने घोड़े की सवारी का काम कम कर दिया है। पहले लोग घोड़े की सवारी का आनन्द लिया करते थे। यह ताँगे को खींचने का काम करता है। ताँगे में बहत सी सवारियाँ बैठ जाती हैं तथा घोड़ा उस गाड़ी को अपनी अपार शक्ति से खींचकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाता है। वैसे घोड़ा अत्यंत स्वतंत्रताप्रिय पशु है। इसे कोई नियंत्रण अच्छा नहीं लगता है। किन्तु मानव जाति की सेवा के लिये इसने अपनी स्वतंत्रता का बलिदान दिया है। घोड़ा अत्यंत शक्तिशाली पशु है। इसकी शक्ति का पता इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि बड़े से बड़े इंजन की शक्ति को नापने का मानक 'हॉर्स पॉवर' है अर्थात् 'घुड़शक्ति'। घोड़ा अत्यंत बुद्धिमान पश है। यह शीघ्र ही मानव की बातों को समझकर उनके अनसार कार्य करने लगता है।
पुराने समय में 'घुड़सवार' सेना हुआ करती थी। घोड़े लड़ते हुये लोगों, गोले बारूद के बीच अपने मालिक का आदेश माना करते थे तथा उन्हें युद्ध में जिताने में अपना हर संभव योगदान दिया करते थे। राणा प्रताप के घोड़े 'चेतक' की वीरता तथा वफादारी के किस्से आज भी पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा मैदान तथा पहाड़ों पर जहाँ कोई वाहन आसानी से नहीं चल सकता वहाँ घोड़े ही सवारी तथा माल ढोने का प्रमुख साधन है। वैसे तो भारत में ही घोड़ों की अनेक अच्छी प्रजातियाँ हैं। लेकिन अरबी तथा तुर्की घोड़े संसार में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। उनकी दौड़ने की गति, शक्ति तथा सुन्दरता का कोई मुकाबला नहीं है। घोड़ों को अनेक खेलों में भी प्रयोग किया जाता है। पोलो, घुड़दौड़ में घोड़े अपने मालिक को खेल में जिताते हैं। इस प्रकार घोड़े एक अत्यंत वफादार तथा उपयोगी पशु है। यह प्राचीन समय से ही मानव जाति की सेवा करता चला आ रहा है।
0 Comments